डीजी योजना के तहत स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने वाले कॉलेजों को वितरण के दो दिनों के भीतर जानकारी डीजी शक्ति पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
यदि कोई कॉलेज ऐसा नहीं करता है तो यह माना जाएगा कि कॉलेज ने उपकरण वितरित नहीं किए हैं। ऐसे में कॉलेज के प्रबंधक, प्राचार्य और नोडल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. सीडीओ ने ऐसे कॉलेजों की मान्यता रद्द करने और FIR दर्ज करने की चेतावनी जारी की है.
शासन की प्राथमिकता में शामिल डीजी शक्ति योजना की पारदर्शिता को लेकर प्रशासन काफी गंभीर है। इस योजना में कोई चूक न हो इसके लिए प्रशासन ने नोडल अधिकारी नियुक्त कर प्रत्येक महाविद्यालय की जवाबदेही तय की है।
खबर हरदोई की है जहाँ सीडीओ आकांक्षा राणा ने कहा कि योजना से जुड़े सभी महाविद्यालयों के प्रबंधकों, प्राचार्यों और नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे टैबलेट और स्मार्टफोन के वितरण से संबंधित विवरण डीजी शक्ति पोर्टल पर अपलोड करें, लेकिन कई कॉलेजों ने अब तक पोर्टल पर वितरण कर दिया है. लेकिन जानकारी अपलोड नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों को वितरण के दो दिन के भीतर विवरण वेबसाइट पर अपलोड करना होगा. यदि महाविद्यालय इस कार्य में गंभीरता नहीं दिखाते हैं तो उनकी मान्यता निरस्त कर FIR दर्ज कराई जाएगी।
अवितरित उपकरण 20 तक जमा कराने होंगे
डीजी शक्ति योजना में पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या के आधार पर कॉलेजों में स्मार्टफोन व टैबलेट बांटे गए, लेकिन कुछ अभ्यर्थी किसी कारणवश उपकरण लेने नहीं आए।
उपकरण वितरण कार्यक्रमों के बाद जो उपकरण महाविद्यालयों के पास बचे हैं उन्हें 20 अप्रैल तक महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जमा करना होगा।